Lalpania a small village having a lot of picturesque scenes, in the lap of famous Lugu hill series (The second highest hill series of jharkhand) and surrounded with Jharkhand’s famous river Damodar, small hilly rivers Katail and Sadabahar , situated in the north side of Tenughat Dam. Now Lapania possesses Jharkhand’s pride 2x210 MW Tenughat Thermal Power Station in her lap making it a beautiful township.
Tuesday, November 29, 2011
Saturday, November 12, 2011
लुगुबुरु घंटा बाड़ी धर्म गाढ , ललपनिया
2001 में कुछ उत्साहित आदिवासी युवकों ने लुगु पहाड़ और संथालियों के संबंध का गौरवशाली अतीत को पुर्नस्थापित करने के लिए एक संगठन “लुगु बुरु घंटाबाड़ी धर्म गाढ” की स्थापना की, और पहाड़ की तलहटी मे छरछरिया नाले के बगल में एक धर्म स्थान की स्थापना किया। इस धर्म स्थान के बारे में सारे संथाल समाज के लोगों मे जोर शोर से प्रसारित कर, कार्तिक पूर्णिमा को एक बड़ा धर्म सम्मेलन करबाने का निश्चय किया। कोदवाटांड़ के सरकारी विधालय मे पदस्थापित एक शिक्षक श्री लोबिन मुर्मु, समाजसेवी बबुली सोरेन, मिथिलेश किस्कु, दशरथ
मान्झी, जयराम हांसदा आदि युवकों ने इस निश्चय को असली जामा पहनाने के लिए अपनी पुरी ताकत लगा दिए।
इन दस वर्षों में यह धर्म गाढ पुरे विश्व के संथाल आदिवासियों का एक प्रमुख धर्म स्थल बन गया। प्रत्येक वर्ष कार्तिक पूर्णिमा के दिन संथाल आदिवासियों का एन विशाल धर्म सम्मेलन होता आ रहा है, जिसमे झारखंड के अलावे, बिहार, पश्चिम बंगाल, ओडिसा ,छतीसगढ, नेपाल, असम, मध्यप्रदेश आदि राज्यों से बड़े पैमाने पर लोग आते हैं।
इन दस वर्षों में यह धर्म गाढ पुरे विश्व के संथाल आदिवासियों का एक प्रमुख धर्म स्थल बन गया। प्रत्येक वर्ष कार्तिक पूर्णिमा के दिन संथाल आदिवासियों का एन विशाल धर्म सम्मेलन होता आ रहा है, जिसमे झारखंड के अलावे, बिहार, पश्चिम बंगाल, ओडिसा ,छतीसगढ, नेपाल, असम, मध्यप्रदेश आदि राज्यों से बड़े पैमाने पर लोग आते हैं।
आज के परिपेक्क्ष में जब देश, समाज की संस्कृति ,पाश्चत्य प्रभाव से बहुत तेजी
से प्रदुशित हो रही हो, अपने समाज की गौरवशाली
संस्कृति, प्रथाओं, को अक्षुण्ण बनाये रखना सबसे बड़ी चुनौती
है, साथ ही शहरी वातावरण मे जन्में, पले, बढे नवयुवकों और नवयुवतियों में अपने अतीत,
पुर्वजों का गौरव गाथा, संस्कृति, भाषा के प्रति जागरुकता लाना भी आवश्यक है, और इसके
लिए यह मंच अपनी पूरी जिम्मेदारी से समर्पित
है। संथाल समाज के लोग देश के कोने कोने मे फैले हैं उन्हें भी शायद एक वैसे मंच की
जरुरत थी जहाँ धार्मिक अनुष्टान के नाम पर एक स्थान पर एकत्रित होकर अपने पूर्वजों
को, संस्कृति को खंगालें, समाज के विशिष्ट/वरिष्ट लोग एक मंच से अपना विचार रखें।
जो समाज रुपी पेड़ अपने जड़ से कट जाता है, उस समाज की संस्कृति भी विलुप्त हो जाती
है। लुगु पहाड़ के चप्पे चप्पे में संथाली लोग अपने पूर्वजों से जुड़ा महसूस करते हैं।
2001 मे सद्प्रयास से लगाया गया पौधा , आज दस वर्ष के बाद एक विशाल वटवृक्ष बन चुका है , इस वर्ष 2011 कार्तिक पूर्णिमा पर करीब तीस हजार से उपर लोग इस संथाल धर्म स्थल पर जमा हुए। इस लुगु पहाड़ के आँगन के स्थापित झारखंड का गौरव तेनुघाट थर्मल पावर स्टेशन के स्यामली अथितिशाला के नजदीक स्थापित धर्मगढ के साथ साथ यहाँ से सात किलोमीटर दूर, लुगु पहाड़ के चोटी पर स्थित लुगु गुफा का पुरे नियम के अनुसार ,पवित्रता के साथ पुजा अर्चना किये।
करीब 4 बजे शाम को हेलिकाप्टर से श्री अर्जुन मुण्डा , मुख्यमंत्री, झारखंड सरकार का आगमन हुआ, उन्होने धर्मस्थल पर जाकर पूजा अर्चना किए और करीब 5 बजे वे रांची के लिए प्रस्थान कर गये।, उन्होने धर्मस्थल और आस पास के एरिया के विकाश के लिए 5 करोड़ रुपये देने का घोषणा किए। करीब 5 बजे के आसपास सड़क मार्ग से श्री बाबुलाल मराण्डी जी का आगमन हुआ। 10 बजे रात्रि मे झारखंड के उपमुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन, मंत्री श्री चम्पई सोरेन का धर्मस्थल पर आगमन हुआ।
इतने बड़े पैमाने पर इस सफल आयोजन के लिए आयोजन समिति को अनेको साधुबाद्। लुगुबाबा के आशीर्बाद से तेनुघाट प्लांट हजारों विपरीत परिस्थियों मे भी पुरी क्षमता से विद्युत उत्पादन कर पुरे झारंखड को आलोकित कर रहा है।
Wednesday, November 9, 2011
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