Thursday, July 15, 2010

समाजबाद और तेनुघाट थर्मल पावर प्रबंधन

समाजबाद का सिद्धांत यूँ तो डा राम मनोहर लोहिया ने आज से करीब चार दशक पहले दिया था, और इस समाजबाद की सीढी चढ कर कई नेता आज सफलता की ऊचाई पर है, पर समाजबाद का सिद्धांत कहीं लागू नहीं हो सका। श्री मुलायम सिंह यादव, श्री जार्ज फर्नान्डिस सरीखे नेता राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना लिये पर समाजबाद आज किसी स्तर पर कहीं नहीं दिख रहा है। पर तेनुघाट थर्मल पावर स्टेशन, ललपनिया के पदाधिकारियों ने समाजबाद का सही मायने मे बहुत ही अच्छा प्रयोग डी टाईप आवास के आवंटन मे किया है। स्वर्गीय राम मनोहर लोहिया के आत्मा को काफी शुकुन मिल रहा होगा कि उनके द्वारा प्रतिपादित सिद्धांत का कहीं तो अक्षरस: पालन किया जा रहा है।

कार्यपालक अभियंता स्तर के पदाधिकारी और उन्ही के मातहत कार्य करने वाला प्राईवेट कम्पनी का टेक्निशियन एक ही ब्लिडिंग में एक साथ रहते हैं। कार्यपालक अभियंता और एक कनीय लिपिक, सहायक कार्यपालक अभियंता और एक साधारण प्राईवेट ड्राईवर, सहायक कार्यपालक अभियंता और चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी , एक ही ब्लिडिंग मे आमने सामने एक साथ आवाश आवंट्न या रहने का अनुमति देना ,इसका उदाहरण पूरे विश्व मे अन्यत्र मिलना असंभव नही तो कठिन अवश्य है। आम ग्रामीण, स्थानीय ठिकेदार और ठिकेदार के कनीय कर्मचारी(वेल्डर, फीटर आदि) के साथ साथ वरीय अभियंता सभी डी टाईप आवाश में मिलजुल कर रह रहें है। वाह समाजवाद का एक उत्कृष्ट उदाहरण , इस प्रयोग के लिए

तेनुघाट थर्मल पावर प्रबंधन को शत शत साधुबाद्।

तेनुघाट थर्मल पावर प्रबंधन का यह समाजबाद सिर्फ डी टाईप आवाश के लिये ही है। सी टाईप आवाश के लिये फिर उनका सामंती चेहरा सामने नजर आ जाता है। जब वहाँ सिर्फ कार्यपालक अभियंता और अधीक्षण अभियंता के लिए रिजर्व मान लिये गया है। परन्तु यही प्रबंधन अपने 24-25 वर्ष पुराने सहायक अभियंता जो झारखंड सरकार के गजटेड आफिसर का मान्यता प्राप्त है, को दरकिनार कर DAV स्कूल के प्रिसंपल और बैंक मैनेजर को भी सी टाईप के फ्री आवास से नवाजा गया है।

प्रबंधन तो सर्वशक्तिमान होता है, उनका हर आदेश, निर्णय सर आँखों पर।

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