Sunday, April 24, 2011


ओम सांई राम

आज का दिन काफी पीड़ादायक है। अध्यात्म की दुनिया का सबसे दिव्य ज्योति , दैवीय गुणों से परिपुर्ण परम पुज्य सांई बाबा के अवतार सत्य सांई बाबा का देहावसान आज प्रात:काल 7:40 पर (24/04/2011) हो गया। वर्ष का सबसे दुख:द घटना , बाबा के करोड़ो भक्त आज बिल्कुल असहाय महशुस कर रहे हैं। मैं भी बाबा को अश्रुपुर्ण नेत्रों से श्रद्धाँजलि अर्पित करता हूँ । बाबा ने सिर्फ शरीर त्यागा है। उनकी आत्मा दुनिया भर के करोड़ो भक्तो के दिलों मे ज्योति बनकर जलती रहेगी।

23 नवम्बर 1926 आन्ध्रप्रदेश के पुट्टापर्ती नामक एक छोटे से गांव मे इस दैवीय शक्ति ने शरीर धारण किया था।

मात्र 14 वर्ष (23 मई1940) की उम्र मे ईश्वर से साक्षात्कार और सांई बाबा के अवतार होने का अहसास हो गया था।

उनके चमत्कारों पर लोगों ने , मिडिया वालों ने भी व्यंग्यपूर्ण टिप्पणियाँ की थी, , पर बाबा के भक्तों की संख्या निरन्तर बढती गयी। उनके विरोधियों ने उनके चमत्कारों का मजाक उड़ाया था ,परन्तु उनके अन्दर का महामानव , गरीबों के प्रति ,मानवता के प्रति उनका लगाव, विरोधियों से भी प्रेम का भाव आदि गुणों के कारण ही पूरा विश्व उन्हें ईश्वर का अवतार मान लिया।

166 देशों में फैले उनके भक्त में आज शोक की लहर फैल गई है। लोग यह विश्वास ही नहीं कर पा रहें कि उनका सांई अब उनके बीच नहीं है।

उनके भक्तों मे आम आदमी से लेकर बड़े राजनितिक, खिलाड़ी , , पत्रकार , विद्वान , बड़े वैज्ञानिक , ,,,,,, समाज के गणमान्य लोग सभी रहें है।

एक समय मैं अज्ञानी , , टी वी मे आने वाले उनके चमत्कारों का मजाक उडाने बाले प्रोगामों को देखकर उनपर अविश्वास कर बैठा था। इसका मुझे अत्यधिक अफसोस है। बाबा मुझे माफ करेगें यह मेरा विश्वास है।

बाबा को मेरा शत शत नमन्।

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